सरदार बलदेव सिंह की Biography in Hindi
सरदार बलदेव सिंह का जीवन - परिचय Hindi में
प्रथम भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं एक भारतीय सिख नेता बलदेव सिंह जी का जन्म 11 जुलाई 1902 ई. को पंजाब के अंतर्गत रोपड़ जिले के दुम्म्ना नमक गाँव में हुआ था , वलदेव सिंह जी ने वार्ता की प्रक्रियाओ में पंजाबी सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व भी किया है | बलदेव सिंह जी स्वतंत्र भारत के प्रथम रक्षा मानती भी थे , स्वतंत्रता के पश्चात् बलदेव सिंह जी को भारत का प्रथम रक्षा मंत्री चुना गया , इसीलिए वो दुनिया भर के देशो में " प्रथम सिख रक्षा मंत्री " थे ! बलदेव सिंह की को सब हमेशा से ही सरदार के नाम से जानते थे , क्युकी पंजाबी में इसका मतलब नेता होता है ! इनके पिता का नाम श्री सर इन्द्रजीत सिंह था , जो की एक प्रसिद्द प्रतिष्ठित उद्योगपतियो में आते थे , तथा इनकी माता जी का नाम श्री मति निहाल कौर सिंह था ! बलदेव सिंह जी के मन में हमेशा से देश भक्ति की भावना विद्यमान थी | वे सदैव देश क एलिए एक सैनिक के रूप में तात्पर्य रहते थे |
बलदेव सिंह जी की शिक्षा -
बलदेव सिंह जी की प्रारंभिक शिक्षा कैनोर से पूरी हुई , बाद में उन्होंने अमृतसर के खालसा कलेज से शिक्षा प्राप्त की | शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने अपने पिता जी के साथ उनके फॉर्म में काम किया !
बलदेव सिंह जी का विवाह "हरदेव कौर " के साथ हो गया , जिनके दो बेटे "सरजीत सिंह और गुरदीप सिंह थे " !
बलदेव सिंह जी की राजनीती -
1937 ई. बलदेव सिंह जी ने भारत सरकार अधिनियम 1935 के तहत विधानसभा के लिए उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा , और विजयी हुए | तब से बलदेव सिंह जी अकाली दल के नेता मास्टर तारा सिंह जी के साथ जुड़ गये ! 1942 ई. एम् क्रिप्स मिशन के दौरान बलदेव सिंह जी को वार्ता में सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया | इसमें भारतीय रास्ट्रीय कांग्रेस और भारतीय राजनितिक पार्ट्या भी शामिल थी | तब भी इस मिशन के द्वारा प्रगति नही हो पाई ! उसी समय कांग्रेस ने भारत छोडो आन्दोलन भी शुरू किया ,लेकिन इसमें बलदेव सिंह और उनके साथ एनी नेताओ ने इसमें समर्थन नही किया | 1942 ई. में बलदेव सिंह जी को कुछ समय के लिए प्रांतीय विकास मंत्री बनाया गया ! बलदेव सिंह जी ने एक दृष्टिकोण को दोहराया की भारत को धार्मिक अल्पसंख्यको के अधिकारों के लिए विशेष सुरक्षा के साथ एक संयुक्त देश होन चाहिए !
लेकिन बाद में बलदेव सिंह जी और अन्य लोगो ने इस योजना के कार्यान्वयन का विरोध भी किया |इसमें सिख समुदाय को कोई सुरक्षा नही प्रदान की | तब बलदेव सिंह जी ने वोयास्रॉय की कार्यकारिणी में शामिल हो गये !
भारत के संविधान के तहत 1952 ई. में लोकतान्त्रिक चुनावो में बलदेव सिंह जी भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के सदस्य के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में भारतीय संसद के लिए चुने गये | वो तब भी नेहरु झी के प्रशाशन में शामिल नहीं हुए !
1957 ई. में उन्हें संसद के लिए चुना गया | सिंह का लम्बी बीमारी के बाद 1961 ई. में निधन हो गया | उनके दो बेटे सरतीज सिंह जी और प्रकाश सिंह बादल जी की सरकार में मंत्री भी बने |
बलदेव सिंह जी की मृत्यु _
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