googlea2c07d1826884cd8.html googlea2c07d1826884cd8.html मैथिलि शरण गुप्त जीवनी - Lifestyle

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मैथिलि शरण गुप्त जीवनी

 हिंदी साहित्य में  कार्य के आधार पर  अपना नाम प्रसिद्द करने वाले श्री मैथिलि शरण गुप्त  जी का जन्म सन १८८६ ई . को झांसी के चिर्गाव नमक जगह पर हुआ था ! इनके पिता जी का नाम सेठ रामचरण गुप्त था , जो की एक साधारण व्यक्ति थे ! गुप्ता जी बचपन से ही काव्य रचना की और आकर्षित थे | आचार्य महावीर - प्रसाद द्विवेदी  जी की छात्र- छाया में इन्होने हिंदी कव्य्य की नाविन धारा को पुष्ट कर उसमे अपना एक विशेष स्थान  बनाया  है | इनकी कविता में देश भक्ति एवं राष्ट्र प्रेम की व्यंजन प्रमुख  होने के कारण इन्हें हिंदी - संसार ने " राष्ट्रकवि " का सम्मान दिया | राष्ट्रपति जी के द्वारा ये संसद भी मनोनीत किये गये | 1664 ई. को ये महान  पुरुष इस दुनिया से विदा हो गया | 

मैथिलि शरण गुप्ता जी का पहला काव्य - संग्रह ' भारत - भारती ' है | इसमें भारत की कुध का वर्ना किया गया है | गुप्ता जी ने मेघनाद - बढ़ और नविन चन्द्र के पलाशिर युद्ध का  बहुत अच्छी तरह से अनुवाद भी किया है |  इनके अन्दर विचारो तथा भावनाओ को भी अपनी रचना में स्थान देने की क्षमता है ! गुप्ता  जी का झुकाव गीति - काव्य की और भी हुआ | परंध के अन्दर ही गीति - काव्य का समावेश कर इन्होने भाव सौंदर्य के मार्मिक स्थलों से परिपूर्ण ' यासोधरा और ' साकेत ' जैसे उत्क्रिस्ट काव्य- कृतियो  का सृजन भी किया है ! 


राष्ट्र - प्रेम गुप्ता जी के द्वारा लिखी गयी कविता का प्रमुख स्वर है | " भारत भारतीय में प्राचीन भारतीय संस्कृतियो का प्रेणनापद चित्रण भी हुआ है | इस रचना में व्यक्त स्वदेश - प्रेम ही इनकी परवर्ती रचनाओ में रात्र - प्रेम और नविन राष्ट्रिय भावनाओ में परिणत हो गया है  | इनकी कविताओ में अज की समस्याओ और विचारो के भी स्पस्ट दर्शन होते है ! इनपर गाँधीवाद और आर्य समाज का भी प्रभाव पड़ा है  |अपने काव्यो की कथा वास्तु अपने जीवन से न लेकर इन्होने  पुरानो से ली है  | 


गुप्ता जी  की चरित्र कल्पना में कभी भी अलौतिकता के स्थान नही है | ईनका चारित मानव रुपी है , उसमे देव या दानव नही है | " साकेत " के राम इश्वर होते हुए  भी  तुलसी की बहती अराध्य नही है | ये हमारे बिच के ही एक व्यक्ति है | 







रचनाये \ काव्य कृतिया -  इनकी विशेष ख्याति राम चरित मानस  पर आधारित महाकाव्य " साकेत " के कारन ही है | इनकी कुछ रचनाये इस प्रकार है - " भारत - भारती " , अन्ध पंचवटी " , जयद्रथ वध ", पंचवटी " याधोधरा , द्वापर "; आदी है | इसमें यशोधरा के चम्पू काव्य है , जो महात्मा बुद्ध जी के जीवन पर आधारित है | 


































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