गुलजारी लाल नंदा जी का जीवन- परिचय
गुलजारी लाल नंदा जी का जीवन- परिचय हिंदी में
भारत के द्वितीय प्रधानमत्री और भारत के राजनेताओ , व समाजसेवी में एक श्री गुलजारी लाल नंदा जी का जन्म 4 जुलाई 1889 ई. को पंज्नाब राज्य के सियालकोट नमक स्थान पर हुआ था , जो की वर्तमान में पाकिस्तान में के अंतर्गत आता है | ये एक हिन्दू पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखते है | गुलजारी जी के पिता जी का नाम श्री बुलाकी राम नंदा था , व माता जी का नाम श्री मति इश्वर देवी नंदा था | गुलजारी जी एक साधारण व्यक्ति के रूप में जाने जाते है , ये एक कुशल लेखक भी थे , गुलजारी जी ने बहुत सी रचनाये भी की है जिनमे , "हिस्ट्री ऑफ़ एड्जस्त्मेंट इन द अहमदाबाद तेस्तिले, "गुरु तेगबहादुर , "सैम अक्स्फोड्स ऑफ़ खादी " आदि है | गुलजारी जी के विषय में सबसे विशेष बात ये है , की उनके खुद के नाम पर कोई भी संपत्ति नही थी , वे अपने पुरे परिवार के साथ किराये के माकन पर रहते थे , गुलजारी लाल नंदा जी की खाश बात यह है , की उन्होंने कभी भी अपने पद का दुरूपयोग नही किया | इन्होने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लाहौर , अमृतसर और अआग्र से पूरी की ! तत्पश्चात इन्होने अपनी ग्रेजुएशन की परीक्षा इलाहबाद विश्वविध्यालय से पूर्ण की | इन्होने कला और कानून शाश्त्र विषय से अपना स्नातक किया , इन्होने इलाहबाद विश्वविद्यालय से रिसर्च स्कोलर डिग्री भी प्राप्त की थी ! गुलजारी जी ने कभी भी पैसो के प्रति मोह नही किया , ये सादा जीवन उच्च विचार - प्राकृत के व्यक्ति थे !
प्रारंभिक जीवन :-
गुलजारी लाल नंदा जी बहुत ही सरल व् साधारण प्रकृति की व्यक्ति थे | इन्होने भारत की आजादी में असीम योगदान दिया , ये देश के लिए हमेशा समर्पित रहते थे | गुलजारी लाल नंदा जी का जन्म 1898 ई. को पंजाब के सियालकोट में हुआ था , इन्होएँ लाहौर , आगरा और इलाहबाद से अपनी शिक्षा पूर्ण की | इन्होने इलाहबाद विश्वविद्यालय से श्रम सम्बन्धी समस्याओ पर एक शोध अध्येत के रूप में कार्य किया एवं ये मुंबई के एक नेशनल कोलेज में अर्थशाश्त्र के प्राध्यापक भी रहे | गुलजारी लाल नंदा जी ने 1921 ई. में महात्मा गाँधी जी के नेत्रित्व में "आसह्योग आन्दोलन " में भी भाग लिया , प्रोफेषर के तौर पर एक उच्च तनख्वाह वाली नौकरी होने के वावजूद भि इन्होने अपनी नौकरी छोड़ कर आजादी युद्ध में उतर गये ! इन्होएँ 1932 ई. में "सत्याग्रह आन्दोलन " में हिस्सा लेने के दौरान जेल यात्राये भी की ! ये भारत छोडो आन्दोलन के दौरान 1942 ई. में तैनात पुलिस कर्मियों वर गिरफ्तार कर लिए गये , जहाँ इन्हें 2 साल तक जेल में भी रहना पड़ा !
जेल से रिहा होने के कुछ समय बाद ये मुंबई विधानसभा से 1947-1950 ई. तक विषयक भी रहे | इसी दौरान 1947 ई. में "इंडियन नेशनल कांग्रेस ' की स्थापना हुई , जिसमे गुलजारी जीज का किरदार ही महत्वपूर्ण था , मुंबई सरकार में रहने के दौरान भी इन्हें कांग्रेस के उच्च आलाकमान नेताओ ने इन्हें दिल्ली बुला लिया ! ये भारत में योजना आयोग जो अभी |(निति आयोग ) है , उसमे उपाध्यक्ष के पद पर भी रहे | आजादी के बाद इन्हें भारत के प्रतिनिशित्व के रूप में "अन्तार्रस्त्रिय मजदुर सम्मलेन " में स्विट्ज़रलैंड भी भेजा गया था !
गुलजारी लाल नंदा जी बहुत से पदों पर भी सुशोभित हुए , इन्होने 1963 - 1964 तक श्रम और रोजगार विभाग के कार्यभार का निर्वाह भी किया | ये प्रथम आम चुनाव में लोकसभा के सदस्य भी चुने गये !
भारत के प्रधानमंत्री
गुलजारी लाल नंदा जी को भारत के प्रथम प्रधनमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरु जी की मृत्यु के पाश्चात भारत के कार्यवाहक प्रधान्मंर्ती के रूप में चुना गया , ये दो बार 13 - 13 दिनों के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में रहे ! इन्होने इस पद को अपनी म्हणत , लगन व् सच्ची निष्ठां के साथ संभाला !
सम्मान :-
गुलाजरी लाल नंदा जी को उनके कार्य को देखते हुए अनेक पुरस्कार भी दिए गये है , जिनमे से 1997 ई. में इन्हें "भारत - रत्न " और पद्मविभूषण भारत के सर्वोच्च पुरस्कार से भी सुशोभित किया गया !
गुलजारी लाल नंदा जी की मृत्यु और समाधी स्थल :-
गुलजारी लाल नन्द अजी का निधन 100 वर्ष की आयु में 1998 ई. में दिली में हो गया | दिल्ली के नारायण घाट पर इनकी समाधी स्थल भी बनायी गयी है !
धन्यवाद
Written By - Kunal
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