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रामनरेश त्रिपाठी जीवन - परिचय

              रामनरेश त्रिपाठी जी का जीवन - परिचय 

हिंदी - साहित्य में आपना योगदान देने वाले श्री रामनरेश त्रिपाठी जी का जन्म 4 मार्च  1889 ई. को उत्तर - प्रदेश के अंतर्गत जौनपुर नामक जिले मे कोइरिपुर नमक गाँव में हुआ था | त्रिपाठी जी एक विद्वान् भी थे , इनके घर का वातावरण तथा पिता के द्वारा परमेश्वर की भक्ति  का पूर्ण प्रभाव इनपर प्रारंभ से ही पड़ा | किसी कारन वर्ष 9 वि कक्षा के बाद इनकी पढाई न हो सकी , फिर बाद में इन्होने स्वाध्याय से हिंदी , अंग्रेजी , संस्कृत ,बंगला अआदी विषयों का पूर्ण रूप से अध्यन किया | इस महान हिंदी . के रचनाकार का 1962 ई. में देहांत हो गया  ! 

साहित्यिक - परिचय  त्रिपाठी जी द्विवेदी युग के उन महान साहित्यकारों में से एक है , जिन्होंने द्विवेदी मंडल के प्रभाव से दूर रहते हुए भी  अपनी मौलिक प्रतिभा से साहित्य के क्षेत्र में बहुत से कार्य भी किये है | त्रिवेदी जी स्वछंदतावादी कवी थे , ये  लोकगीतों के सर्वप्रथम संकलनकर्ता थे | इन्होने  काव्य , कहानि , नाटक , निबंध , आलोचना आदि पर पूर्ण आदिकर बना रखा था ! त्रिपाठी जी एक आदर्शवादी थे , इनकी रचनाओ में एक एक नविन आदर्श और नवयुग का संकेत है ! इनके द्वारा रचित "पथिक और "मिलन " नमक खंडकाव्य बहुत ही लोकप्रिय है | इनकी रचनाओ की विशेश्त्ता यह है , की उनमे रास्त्र - प्प्रेम तथा मानव सेवा की उत्कृष्ट भावनाए बहुत ही सुन्दर ढंग से चित्रित की गयी है | इसके आलावा भारतवर्ष की प्राकृतिक शुष्मा और पवित्र- प्रेम के सुंदर चित्र भी इन्होने अपनी कविताओ में चित्रित इए हुए है | प्राकृतिक क्षेत्र में भी रामनरेश जी का योगदान बहुत ही उल्लेखनीय है | इन्होने प्राकृत को आवलंबन और उद्दीपन दोनों रूप में ग्रहण किया है  | इनके प्राकृत - चित्रण की मुख्य विशेषता यह है की , जिन दृश्यों का चित्रण इनके द्वारा किया गया है , वे इनके स्वयं के देखे द्वारा अनुभूत है | 


भाषा - शैली - रामनरेश त्रिपाठी जी की भाषा  तत्सम्प्रधन कड़ी बोली है | इन्होंने अपनी भाषाओ में कही - कही उर्दू के भी प्रयोग किये है , इनकी शैली बहुत ही सरस और प्रभावपूर्ण है | 


रचनाये -  त्रिपाठी जी ने हिंदी - साहित्य में बहुत सी रचनाये की है , जो इ स प्रकार है - " पथिक 'मिलन ' स्वप्न ' "मानसी " "ग्राम्य - गीत " "गोस्वामी तुलसी दास और उनकी कविताये " " कविता कौमुदि " आदि | 


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धन्यवाद 



















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