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रहीम जी की जीवनी

 रहीम जी की जीवनी  हिंदी में - 

हिंदी साहित्य में अपना सहयोग देने वाले रहीम जी का जन्म 1526 ई. को पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था | रहीम जी अक्बाद के दरबारी थे , इनका पूरा नाम अब्दुरहीम खानखाना था | रहीम जी के पिता का नाम विराम खान था  | अब्दुर्रहीम अकबर के दरबारी नवरत्नों में से एक थे  |  ये कबवी होने के साथ एक वीर योद्धा और नायक भी थे | अकबर के प्रधान सेनापति और मंत्री होने का गौरव इन्हें ही प्राप्त है  | ये हमेशा कवियों और कलाकारों का सम्मान करते थे , रहीम जी बड़े उदार व्यक्ति थे  | अकबर की मृत्यु के पश्चात् जहाँगीर ने रहीम जी पर रुष्ट हो कर उनके ऊपर राजद्रोह का आरोप लगाया और उनकी साडी संपत्ति हड़प ली  | रहीम भटकते रहे लेकिन कभी भी इनका आत्मविश्वास कम न हुआ | रहीम जी की मृत्यु 1627 ई. में हो गयी | 


रचना - रहीम दस जी की कुछ प्रसीध रचनाये - " रहीम सतसई , श्रृंगार सतसई , रहीम रत्ना वाली तथा बारबे नायिका " आदि है  |


भाषा शैली -  रहीम जी बहुत से भाषाओ में पांडित्य   थे , ये उर्र्दु , फारसी , संस्कृत  आदि अनेक भाषा जानते थे | 
































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