महात्मा गांधी का जीवन परिचय
महात्मा गांधी का जीवन परिचय
महात्मा गांधी का जन्म, जाति, परिवार, पत्नी, बेटे (Mahatma Gandhi Birth, Caste, Family, Wife, Son)
महात्मा गांधी का जन्म भारत के गुजरात राज्य के पोरबंदर क्षेत्र में हुआ था. उनके पिता श्री करमचंद गांधी पोरबंदर के ‘दीवान’ थे और माता पुतलीबाई एक धार्मिक महिला थी. गांधी जी एक गुजराती परिवार से संबंध रखते थे. इनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था. महात्मा गांधी जी के 4 बेटे थे हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास.
महात्मा गांधी का प्रारंभिक जीवन (Mahatma Gandhi Early Life)
गांधीजी के जीवन में उनकी माता का बहुत अधिक प्रभाव रहा. उनका विवाह 13 वर्ष की उम्र में ही हो गया था और उस समय कस्तूरबा 14 वर्ष की थी.नवंबर, सन 1887 में उन्होंने अपनी मेट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण [पास] कर ली थी और जनवरी, सन 1888 में उन्होंने भावनगर के सामलदास कॉलेज में दाखिला लिया था और यहाँ से डिग्री प्राप्त की. इसके बाद वे लंदन गये और वहाँ से बेरिस्टर बनकर लौटे.

महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका यात्रा (South Africa Visit)
सन 1894 में किसी क़ानूनी विवाद के संबंध में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका गये थे और वहाँ होने वाले अन्याय के खिलाफ ‘अवज्ञा आंदोलन [Disobedience Movement]’ चलाया और इसके पूर्ण होने के बाद भारत लौटे.
खेड़ा सत्याग्रह (Kheda Satyagraha)
वर्ष 1918 में गुजरात के खेड़ा जिले में अकाल के कारण किसानो की फसल ख़राब हो गयी जिस पर किसानो द्वारा ब्रिटिश सरकार से लगान माफ़ करने की गुहार की गयी परन्तु ब्रिटिश सरकार द्वारा किसानो की मांग को दरकिनार करते हुए पूरा लगान चुकाने की बात कही गयी। इस पर गांधीजी के द्वारा किसानो को समर्थन दिया गया जिसके पश्चात ब्रिटिशर्स द्वारा किसानो को करों में रियायत दी गयी।
रौलेट एक्ट का विरोध (opposition of Rowllet act)
8 मार्च 1919 को ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय राष्ट्रवादियों की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए रौलेट एक्ट पास किया गया। इस कानून के अनुसार अंग्रेज सरकार बिना किसी गुनाह के किसी भी नागरिक को सिर्फ शक के आधार पर गिरफ्तार कर सकती थी। इसके विरोध में गांधीजी ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था। इस एक्ट का विरोध करने के परिणामस्वरूप जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था।
खिलाफत आन्दोलन 1919 (khilafat movement 1919)
टर्की के खलीफा को गद्दी से हटाये जाने के विरोध में मुस्लिमो द्वारा शुरू किये गए खिलाफत आन्दोलन को गांधीजी द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन को जोड़ दिया गया था जिसके पश्चात पूरे देश में सभी समुदाय के लोगो ने बढ़-चढ़कर देश के स्वतन्त्रता संग्राम में हिस्सा लिया था।
महात्मा गांधी की मृत्यु
30 जनवरी 1948 को गांधी जी अपने बिड़ला भवन में घूम रहे थे और उनको गोली मार दी गई थी। हत्यारे का नाम नाथु राम गोडसे था यह एक राष्ट्रवादी थे जिनके कट्टरपंथी हिंदू महासभा के के साथ संबंध थे. जिसने गांधी जी को पाकिस्तान को भुगतान करने के मुद्दे पर भारत को कमजोर बनाने के लिए दोषी करार दिया था.
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